वर्जिन हाइपरलूप ने अमेरिका के वेस्ट वर्जीनिया में ग्लोबल हाइपरलूप सर्टिफिकेशन सेन्टर का किया अनावरण

एचसीसी दुनिया भर में हाइपरलूप सिस्टम्स के सर्टिफिरेशन का रास्ता खोलेगा- भारत जैसी जगहों पर कमर्शियल प्रोजेक्ट्स की दिशा में पहला कदम


नई दिल्ली, भारत, Oct. 08, 2020 (GLOBE NEWSWIRE) -- अपनी पूरी तरह विकसित टेस्ट साइट पर वर्षों तक हाइपरलूप टैक्नोलॉजी के परीक्षण और विकास के बाद वर्जिन हाइपरलूप ने आज ग्लोबल हाइपरलूप सर्टिफिकेशन सेन्टर का अनावरण किया। यह सेन्टर अमेरिका के वेस्ट वर्जीनिया राज्य में स्थित होगा।

वर्जिन ग्रुप के संस्थापक सर रिचर्ड ब्रैनसन ने कहा, “आज का दिन वर्जिन हाइपरलूप के इतिहास के सबसे रोमांचक दिनों में से एक है। हम दुनिया के लोगों के लिए हाइपरलूप ट्रैवल को सच्चाई में बदलने के एक कदम और करीब आ गए हैं।"

हाइपरलूप सर्टिफिकेशन सेन्टर (एचसीसी) हाइपरलूप सिस्टम्स की परिपक्वता और दुनिया भर में उनको स्वीकार किए जाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। यह वर्जिन हाइपरलूप की उन्नत टैक्नोलॉजी का सबूत है। इसके शुरू होने से दुनिया भर की रेगुलेटरी संस्थाएं यूएस फेडरल ऑथोरिटीज़ के साथ मिलकर नई हाइपर लूप टैक्नोलॉजी के लिए वैश्विक सुरक्षा और उद्योग से जुड़े मानकों को स्थापित कर पाएंगी। जिसे बाद में दूसरे इलाकों में अपनाया और लागू किया जा सकता है।
                        
सिस्को सिस्टम्स के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष और सीईओ तथा जेसी2 वेंचर्स के वर्तमान संस्थापक और सीईओ, जॉन चेम्बर्स, ने कहा", बाजार के परिवर्तनों से प्रतिस्पर्धा के महत्व में मेरा हमेशा से भरोसा रहा है और वर्जिन हाइपरलूप साफ तौर से भविष्य के परिवहन का अगुआ है। वेस्ट वर्जीनिया मेरा गृह राज्य है। वेस्ट वर्जीनिया में एचसीसी के विकास के साथ कंपनी बदलाव लाने वाली अपनी टैक्नोलॉजी को भारत और अन्य क्षेत्रों में सच बनाने के सपने के एक कदम और नजदीक आ गई है। हम इस काम में वर्जिन हाइपरलूप का सहयोग करने के लिए तत्पर हैं और कल्पना कर रहे हैं कि अगली पीढ़ी के इनोवेशन, उद्यमशीलता और समावेश को एक साथ लाने पर क्या कुछ संभव है।”

इस घोषणा से दुनिया भर में रेगुलेटरी के मामले में काफी महत्वपूर्ण प्रगति होगी। भारत में महाराष्ट्र सरकार ने हाइपरलूप को सार्वजनिक बुनियादी ढांचा परियोजना माना है। महाराष्ट्र सरकार ने वर्जिन हाइपरलूप-डीपी वर्ल्ड कंसोर्टियम को मुंबई-पुणे हाइपरलूप परियोजना के लिए मूल परियोजना प्रस्तावक (ओपीपी) के रूप में स्वीकृत किया है। यह पुणे-मुंबई हाइपरलूप ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम के निर्माण की दिशा में यह ऐतिहासिक घोषणा है। इससे   मास ट्रांसपोर्टेशन के अन्य पारंपरिक साधनों के साथ हाइपरलूप टैक्नोलॉजी को भी मान्यता मिली है। इस प्रगति को आगे बढ़ाने के लिए भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (पीएसए), प्रो विजयराघवन ने हाइपरलूप के लिए रेगुलेटरी व्यवस्था का पता लगाने के लिए कंसल्टेटिव ग्रुप फॉर ट्रांसपोर्टेशन (सीजीएफटी) नाम से स्वतंत्र समिति का गठन किया है।

दुनिया भर में रेगुलेटरी व्यवस्था को लेकर उठाए जा रहे कदम और एचसीसी में हो रहा विकास एक साथ मिलकर दुनिया भर में हाइपरलूप सिस्टम्स के सर्टिफिकेशन का रास्ता खोलेगा। यह भारत सहित कमर्शियल प्रोजेक्ट्स की दिशा में पहला कदम है। इस टैक्नोलॉजी से जुड़ा पहला मानव परीक्षण अमेरिका में किया जाएगा।

वर्जिन हाइपरलूप के सीईओ जे वाल्डर ने कहा, "इस पड़ाव के महत्व को कम करके नहीं आंका जा सकता। एचसीसी की स्थापना से दुनिया भर की रेगुलेटरी ऑथोरिटीज़ एक साथ आकर नई हाइपरलूप श्रेणी के लिए वैश्विक सुरक्षा और उद्योग से जुड़े मानकों को तय कर पाएंगी। इससे 25 मिनट के भीतर मुंबई को पुणे से जोड़ने वाली हाइपरलूप परियोजना के साथ ही दुनिया भर की दूसरी परियोजनाएं भी सच होने के एक कदम नजदीक गईं हैं।

महाराष्ट्र से साथ ही पूरे उपमहाद्वीप को जोड़ने की भारी संभावनाएं हैं। पिछले महीने वर्जिन हाइपरलूप ने बैंगलोर इंटरनेशनल एयरपोर्ट्स लिमिटेड (बीआईएएल) के साथ महत्वपूर्ण साझेदारी की घोषणा की। इस साझेदारी के तहत बीएलआर हवाई अड्डे से प्रस्तावित हाइपरलूप कॉरिडोर की फिजिबिलिटी स्टडी की जाएगी। इसमें तकनीकी, आर्थिक और रास्ते की फिजिबिलिटी स्टडी की जाएगी। उम्मीद है कि यह स्टडी 2 चरणों में यह पूरी होगी जिसमें प्रत्येक चरण 6 महीने का होगा। प्रारंभिक जांच से पता चला है कि 1,080 किमी प्रति घंटे की गति के साथ हाइपरलूप बीएलआर हवाई अड्डे से हर घंटे हजारों यात्रियों को शहर के केंद्र तक पहुंचा सकता है। एक बार की यात्रा पूरा करने में इसे 10 मिनट से कम का समय लगेगा।

वर्जिन हाइपरलूप ने दिसंबर 2019 में पंजाब के परिवहन विभाग के साथ एक समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किए थे। उम्मीद है कि पंजाब के साथ यह संबंध आगे बढ़ेगा क्योंकि वर्जिन हाइपरलूप देश के पश्चिमी और दक्षिणी क्षेत्रों के साथ उत्तर भारत में भी अवसरों की तलाश कर रही है।

यूरोप में यूरोपीय कमीशन के डायरेक्टरेट-जनरल फॉर मोबिलिटी एंड ट्रांसपोर्ट (डीजीएमओवीई) ने पिछले 2 वर्षों में रेगुलेटरी ऑथोरिटीज़ और स्टैंडर्ड बॉडीज को लेकर हाइपरलूप कंपनियों के साथ कई वर्कशॉप्स की हैं। इससे हाइपरलूप सिस्टम और इसकी सुरक्षा से जुड़ी आवश्यकताओं को लेकर आधार तैयार करने की दिशा में आगे बढ़ा जा रहा है। अब यूरोपीय कमीशन यूरोप के लिए सेफ्टी रेगुलेटरी पद्धति विकसित करने के लिए 9 महीने का अध्ययन कर रहा है। कमीशन इस अध्ययन से मिले परिणामों का इस्तेमाल हाइपरलूप टैक्नोलॉजी के लिए रेगुलेटरी पॉलिसी विकसित करने के लिए करेगा। तीन यूरोपीय रेगुलेटरी ऑथोरिटीज़ - द यूरोपीयन यूनियन एजेंसी फॉर रेलवे (ईआरए), द यूरोपीयन यूनियन एविएशन सेफ्टी एजेंसी (ईएएसए)और यूरोपीयन स्पेस एजेंसी (ईएसए) के साथ बातचीत आगे बढ़ रही है।

अमेरिका में यूएस डिपार्टमेंट ऑफ ट्रांसपोर्टेशन (यूएसडीओटी) के सेक्रेटरी एलेन चाओ और नॉन-ट्रेडिशनल व इमर्जिंग ट्रांसपोर्टेशन टैक्नोलॉजी (एनईटीटी) काउंसिल ने अमेरिका में हाइपरलूप के लिए स्पष्ट रेगुलेटरी फ्रेमवर्क पर गाइडेंस डॉक्यूमेंट जारी किया। इस फ्रेमवर्क में हाइपर लूप प्रोजेक्ट्स की फेडरेल फंडिग के लिए हाइपरलूप प्रोजेक्ट की पात्रता और रेगुलेशन के बारे में बात की गई है।

वर्जिन हाइपरलूप ने वर्ष 2025 तक सेफ्टी सर्टिफिकेशन हासिल करने और वर्ष 2030 तक कर्मिशियल ऑपरेशन शुरू करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।

वर्जिन हाइपरलूप के बारे में
वर्जिन हाइपरलूप दुनिया की एकमात्र कंपनी है जिसने बड़े पैमाने पर हाइपरलूप टैक्नोलॉजी का सफल परीक्षण किया है और 100 से ज़्यादा वर्षों में पहली बार मास ट्रांसपोर्ट के नए साधन की शुरुआत की है। कंपनी ने लगभग वैक्यूम की स्थितियों में इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन और इलेक्ट्रोमैग्नेटिक लेविटेशन का प्रयोग करकेफुल स्केल हाइपरलूप व्हीकल को चलाया है। इससे परिवहन के नए तरीके का पचा चला है जो वर्तमान साधनों की तुलना में ज़्यादा टिकाऊ, तेज़, सुरक्षित और सस्ता है। अब कंपनी दुनिया भर की सरकारों, साझीदारों और निवेशकों के साथ मिलकर काम कर रही है ताकि कुछ ही वर्षों में हाइपरलूप को सच्चाई बनाए जा सके और इसमें दशकों का समय न लगे। वर्जिन हाइपरलूप की टैक्नोलॉजी, सोच और वर्तमान में चल रही परियोजनाओं के बारे में अधिक जानने के लिए यहां देखें।

मीडिया एसैट्स
मीडिया एसैट्स के लिए यहां देखें। कृपया वर्जिन हाइपरलूप को क्रेडिट दें।


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